स्वदेशी मेला

आत्म निर्भरता की एक झलक

ऋषिकुल मैदान हरिद्वार

जीवनदायिनी गंगा नदी के तट पर बसी प्राचीन नगरी हरिद्वार अपनी प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत के लिए विख्यात है। हरिद्वार उत्तराखंड का एक पवित्र नगर तथा हिन्दुओ का प्रमुख तीर्थ है। हरिद्वार हिन्दुओ के सात पवित्र स्थलों में से एक है। हिमालय की गोद गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से यात्रा करके माँ गंगा हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश करती है, इसलिए हरिद्वार को 'गंगाद्वार' के नाम से भी जाना जाता है। हरिद्वार का अर्थ हरी (ईश्वर) का द्वार होता है। इस प्राचीन नगरी के बीच स्थानीय उत्पाद यानि स्वउत्पाद, स्वरोजगार, स्वावलम्बन, और स्वाभिमान को बढ़ावा देने और उसके प्रति जागृति के उद्देशय से देवभूमि स्वदेशी मेला, हरिद्वार की फिर से मंशा बनी है।

पूर्व में भी स्वदेशी मेला का आयोजन 2007 में हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में हो चूका है। मेले में दर्जनों स्वदेशी कंपनियों में अपने स्वदेशी उत्पादों का प्रदर्शन किया था। स्वदेशी मेला देश में प्रारम्भ से ही एक अविस्मरणीय एवं महतवपूर्ण आयोजन रहा है। देश भर में आयोजित हो रहे स्वदेशी मेलो की श्रृंखला में स्वदेशी मेला, हरिद्वार महतवपूर्ण कदम है।

उम्मीद है की देवभूमि स्वदेशी मेला, हरिद्वार स्थानीय उद्दमिता को प्रदर्शित करने का एक मह्त्वपूर्ण कदम साबित होगा। हमे यह पूर्ण विश्वास है कि देवभूमि स्वदेशी मेला, हरिद्वार स्वदेशी उत्पादों एवं सेवाओं के प्रति उपभोक्ताओं में आस्था एवं विश्वास जगाएगा, जिसमे स्वदेशी उद्दोगों के विकास तथा उसके अधिक प्रतिस्पर्धात्मक होने में सहायता मिलेगी साथ ही उपभोक्ताओं को एक बेहतर विकल्प मिल सकेगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने के आलावा परपरागत शिल्पकारों व कलाकारों का उत्साहवर्धन करने और स्वदेशी उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के बिच सार्थक संवाद करने में देवभूमि स्वदेशी मेला, हरिद्वार सहायक सिद्ध होगा।

आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनाने के कार्य में संलग्न सभी संस्थाओ से अपील है कि देश की आर्थिक स्वतंत्रता व सम्प्रभुता के रक्षार्थ संकल्पित हो। स्वदेशी मेला, हरिद्वार के इस पुनीत कार्य में आप सभी के सहयोग की अपेक्षा करते है।

आयोजक

स्वदेशी जागरण मंच

स्वदेश जागरण मंच, भारत का एक राजनैतिक आर्थिक संगठन है जो स्वदेशी उद्दोग एवं संस्कृति के विकास के लिए जनता में जागरूकता पैदा करता है। इसकी पहचान संघ परिवार के एक घटक के रूप में है। सवदेशी जागरण मंच, 22 नवंबर 1991 को नागपुर में अस्तित्व में आया। राष्ट्रिय स्तर की पाँच संस्थाओ - भारतीय मजदूर संघ, अखिल भारतीय विद्दार्थी परिषद्, भारतीय किसान संघ, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत, एवं सहकर भारती ने दत्तोपंत ठेंगड़ी की उपस्तिथि में सम्मिलित रूप से इसकी नींव रखी।

डिवाईन इंटरनेशनल फाउंडेशन

डिवाईन इंटरनेशनल फाउंडेशन अपने विगत आठ वर्षो में कार्यकाल में कौशल विकास, रोजगार मेले, उद्दमिता विकास, व्यापार एवं उद्दोग से जुड़े विषयो पर सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यशालाएं विविध स्तरों पर आयोजित कर चुका है।
स्वदेशी मेला भारतीय उत्पादों तथा उद्दोगों की प्रगति हेतु निरंतर प्रायसरत है। हमारा उद्देश्य उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हुए इस भारतीय उत्पादों और उद्दोगों को मजबूती प्रदान करना है।

प्रदर्शनी के क्षेत्र

विज्ञान, प्रौद्दोगिकी एवं दूर संचार जैविक उत्पाद एवं खाद्द प्रसंस्करण
पूजा एवं भक्ति साधन सामग्री आध्यात्मिक साहित्य
वस्त्र एवं खादी वस्त्र हस्तशिल्प एवं दस्तकारी
घरेलू एवं विद्द्त उपकरण ऑटोमोबाइल्स
पर्यटन एवं यातायात सेवाएँ बैंकिंग एवं फाइनेंस
निजी एवं सरकारी क्षेत्र के उपक्रम बचत समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुएँ

अन्य आकर्षण

संगोष्ठी एवं कार्यशाला सांस्कृतिक कार्यक्रम
कला प्रतियोगिता जीवंत प्रदर्शनी
मनोरंजन एवं व्यंजन

स्वदेशी मेला एक अवसर है

  • उत्पादक तथा उपभोक्ता के मध्य सीधे संवाद का।
  • स्वदेशी उत्पादों और सेवाओं में विश्वास एवं निष्ठा जागृत करने का।
  • उपभोक्ताओं को स्थानीय एवं श्रेष्ठम विकल्प उपलब्ध कराने का।

सहभागिता

निर्मित स्टॉल रु0 500 प्रति वर्ग मीटर
(6 एवं 9 वर्ग मीटर या इसके गुणांक में)
अनिर्मित स्टॉल रु0 500 प्रति वर्ग मीटर
(न्यूनतम 18 वर्ग मीटर)
स्पेशल स्टॉल रु0 3000 प्रति वर्ग मीटर
(144 वर्ग मी. वुडन फ्लोरिंग सहित)

निर्मित स्टॉल टीन एवं कपड़े के पार्टीशन से बनी होगी। 9 वर्ग मीटर में सिंथेटिक कालीन के साथ 5/15 एम्पियर प्लग, ट्यूबलाइट, 2 टेबल एवं, 2 कुर्सी इत्यादि होगा। विशेष 144 वर्ग मीटर के स्टॉक में वुडन फ्लोरिंग सिंथेटिक उपलब्ध रहेगी। उपरोक्त स्टाल में बिजली, पानी, सफाई, उद्घाटन अन्य समारोह के निमंत्रण पत्र व सामान्य सुरक्षा प्रबंध निहित है।

भुगतान नियम

  • स्टॉल बुकिंग हेतु 50% अग्रिम तथा राशि, 25 अक्टूबर 2018 के पूर्व।
  • भुगतान का चेक / ड्राफ्ट डिवाईन इंटरनेशनल फाउंडेशन, को देय होगा।
  • उपरोक्त राशि पर जी.एस.टी अतिरिक्त देय होगा।